आचार्य गुरु ने कराया शिष्य को पारणा

मानव सेवा पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता आचार्य पुष्पदंतसागर के इकलौते युवा तपस्वी संत अंतर्मन मुनिश्री प्रसन्न सागर महाराज ने आज अपने 35 दिन उपवास मौन साधना की पूर्णाहुति की. जिनकी पारण स्वयं उनके गुरु आचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी ने पुष्पगिरी तीर्थ के पद्मश्री सभागार में सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ कराई.

पारणा से पूर्व देशभर में आए भक्तों ने विशेष खुशी जाहिर करते हुए गुरु संघ के साथ शोभायात्रा निकाली और जयकारों के साथ साधना पश्चात प्रथम दर्शन किए. यूं तो शिष्य गुरु की सेवा करते हैं पर आज नजारा  कुछ विपरीत था जब एक गुरु अपने शिष्य की अत्यंत कठिन साधना को देखकर पिता पुत्र की भांति स्नेह के साथ उन्हें अन्न जल ग्रहण करा रहे थे.

कार्यक्रम की शुरुआत गुरु दर्शन के साथ आरंभ हुई पंजाब का 16 सदस्यीय प्रदीप बैंड के साथ श्रद्धालुओं ने नाचते गाते हुए तपाचार्य व संघ को सभा मंडप तक ले गए वहां सर्वप्रथम मनीष सपना गोधा इंदौर द्वारा ध्वजारोहण किया गया. इसके पश्चात मंगल नृत्य इंदौर की स्मृति नगर के बालक बालिकाओं द्वारा किया गया, पादप्रक्षालन श्रीमान आशीष -एकता श्री मनीष -सपना गोधा परिवार रितेश योगिता अजमेरा इंदौर ने किया.

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संजय जैन  द्वारा किया. इंदौर  से 16 बसे व कारो से हजारो श्रद्धालु सुबह से पुष्पगिरी पहुंच रहे थे मुख्य रूप से जेनेश झांझरी, अशोक डौसी, विमल सोगानी, प्रमोद पापड़ीवाल, अनिल जैन जैनको, महावीर बैनाड़ा, आरके जैन, रोमिल जैन सहित कई भक्त मौजूद थे. आभार विवेक गंगवाल कोलकता ने माना.

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